महाराजा अर्णोराज चौहान- अजमेर (1133-1151 ई.)
अजमेर पर अणोंराज के राज्यारोहण के कुछ ही समय पश्चात् गजनी के मुसलमानों ने अजमेर पर आक्रमण कर दिया। वर्तमान अनासागर जहां है वहां यह युद्ध हुआ जिसमें भारी संख्या में आक्रमणकारी मुसलमानों का संहार हुआ तथा उनका सेनापति भाग छूटा । इन भागते हुए आक्रमणकारियों को गांवों के लोगों ने मार कर जला डाला। इस मुस्लिम आक्रमण का नेता सम्भवतः गजनी का बहराम शाह था ।
इस जीत की खुशी में उन्होंने अनासागर बनाया | उसे चन्द्रा नदी के पानी से भरा । चौहान प्रशस्ति के अनुसार तुकों के रक्त से लाल अजमेर की धरती जैसे लाल वस्त्र पहने अपनी जीत की खुशी मना रही थी । (सल्तनत काल में हिन्दू प्रतिरोध - डॉ. अशोक कुमार सिंह, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी की पीएच.डी. हेतु स्वीकृत शोध ग्रंथ, पृष्ठ 73) पृथ्वीराज विजय - जयानक, कश्मीरी पण्डित Rajasthan through the Ages-I-Dr. Dashrath Sharma चौहान प्रशस्ति - अजमेर संग्रहालय
इस जीत की खुशी में उन्होंने अनासागर बनाया | उसे चन्द्रा नदी के पानी से भरा । चौहान प्रशस्ति के अनुसार तुकों के रक्त से लाल अजमेर की धरती जैसे लाल वस्त्र पहने अपनी जीत की खुशी मना रही थी । (सल्तनत काल में हिन्दू प्रतिरोध - डॉ. अशोक कुमार सिंह, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी की पीएच.डी. हेतु स्वीकृत शोध ग्रंथ, पृष्ठ 73) पृथ्वीराज विजय - जयानक, कश्मीरी पण्डित Rajasthan through the Ages-I-Dr. Dashrath Sharma चौहान प्रशस्ति - अजमेर संग्रहालय
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