Friday, 6 July 2018

राजा सुलक्षण प्रतिहार, ग्वालियर

राजा सुलक्षण प्रतिहार, ग्वालियर (1196 ई.)




भारत पर अरब से 2500 साल तक लगातार मुस्लिम आक्रमण होते रहे और राजपुतो से मुस्लिम पीटते रहे, लेकिन राजपुतो कि शक्ति लगातार युद्धों के कारण क्षीण होती रही और दुसरा प्रमुख कारण राजपूतों के कमजोर होने का यह रहा कि मुस्लिम विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ गए और राजपूत पिछड़ गए । लगातार 17 युद्ध हारने के बाद सुल्तान मोहम्मद गौरी पृथ्वीराज से जितने के बाद अलग अलग अधिकारी बनाता है,  सुल्तान मोहम्मद गौरी ने बयाना के अधिकारी बहाउद्दीन तुगरिल को ग्वालियर जीतने भेजा ।

बहाउद्दीन तुगरिल व राजपूतों कि बहुत बार झड़पे होती रही और  बहाउद्दीन तुगरिल कि सेना में निराशा छाने लगी क्योंकि लम्बे समय तक प्रयास होते रहे पर सफलता नहीं मिल रही थी । तब तुगरिल ने दुर्ग के पास गरगज लगवाए । एक वर्ष तक प्रतिहार राजपूत बहाउद्दीन तुगरिल कि सेना से लड़ते रहे पर अन्त में उन्होंने दुर्ग मुसलमानों को संधि के तेहत सौंप दिया और अपने लिए मौके का इन्तजार करने लगे । जैसे ही मुसलमान कमजोर हुए विग्रह प्रतिहार ने 1209 ई. में पुनः ग्वालियर जीत लिया । (सल्तनत काल में हिन्दू प्रतिरोध - डॉ. अशोक कुमार सिंह, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय)

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